• Home
  • जानकारी
  • Tarkulha Devi Mandir Kahani: तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple

Tarkulha Devi Mandir Kahani: तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple

Tarkulha Devi Mandir Kahani
You Can Rate this Post 5 Star post

Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा माता मंदिर गोरखपुर जिले का सबसे प्रसिद मंदिर है यह चौरी-चौरा के करिब है , यहा की मान्यता है कि अगर आप सच्चे दिल से कुछ मांगते है तो आपकी वह मनोकामना बिलकुल पुरी होती है । लोगो का कहना है कि अगर आप माता के दरबार आकर आप कुछ मांगते है तो आप खाली हाथ नही लौटेंगे ।

आपको बता दे शारदिय नवरात्र मे तरकुलहा माता मंदिर (Tarkulha Devi Mata Mandir) मे भक्तो की लम्बी लाइन लगती है , यहा के गाव वाले और मंदिर के लोग सुबह उठ कर मंदिर की प्र्तिदिन सफाई करते है । Tarkulha Devi Mandir Kahani जाने ।

Kahani Tarkulha devi ki

हाल मे उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्रि योगी आदित्यनाथ जी महाराज भी माता के दर्शन के लिये गये थे और वहा 2 करोड रुपये का शिल्नयास भी किये , अब तरकुलहा माता मंदिर की खुबशुरती और भी ज्यादा हो जायेगी , माता मंदिर को पर्यटक स्थल बनाया जा रहा जिससे इस मंदिर का और नाम हो और लोग माता की दर्शन के लिये आये ।

यहा की एक कहानी आजादी की लडाई से भी जोड्ती है , कहाँनी के अनुसार इस मंदिर का योगदान आजादी की लडाई मे भी थी । कभी तरकुलहा माता मंदिर घना जंगल हुवा करता था , आज सारे पेड कट चुके है , इसे हम एक तिर्थस्थल भी कह सकते है । यह गोरखपुर शहर से लगभग 22 किलोमिटर दुर है ।

Tarkulha Mela तरकुलहा मेला (Tarkulha Devi Mandir Kahani)

Mela in Tarkulha Mandir

माता के मंदिर के प्रांगण मे हर साल नवरात्री मे भारी मेले का आयोजन होता है , यहा दुर-दुर से लोग आते है । अगर आप हमारा ये पोस्ट पढ़ रहे है तो आपसे आग्रह है कि एक बार माता के मंदिर जरुर आये । यह मेला नवरात्रि मे शुरु होती है और लगभग एक महिने तक चलती है । इस मेले मे हर तरह की चिजे बिकती है , सर्कस इत्यादि भी होती है ।

Tarkulha Temple का प्रसाद होता है मिट

Tarkulha Devi Mandir Kahani

यह मंदिर बलिदान की कहाँनी से जुडा है आपने साय्द ये पहली बार सुना हो लेकिन यहा प्रसाद के रुप मे बकरे का मिट मिलता है । यहा लोग अपनी मन्न्ते मांगते है और जब वह पुरी होती है तो लोग यहा बकरे का मिट चढाते है । यह मिट्टी के बरतन मे बनाया जाता है , यह प्र्साद रुपी मिट बहुत स्वादिस्ट होता है । पुराने मंदिरो मे बलि की परम्परा थी , लेकिन अब नही है । लेकिन तरकुलहा माता मंदिर मे अभी भी बलिदान की परम्परा है ।

Top Places in Gorakhpur

Tarkulha Mata Mandir Story in Hindi

बात करिब 163 साल पुरानी है करिब 1857 की है , यहा पुरा जंगल हुवा करता था आस-पास लगभग कोई गाव नही होता था । डुमरी रियासत के बाबु बंधु सिंह माता के भक्त थे , वह गुर्रा नदी के किनारे बैठ कर माता का ध्यान किया करते थे । बाबु बंधु सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति शुरु कर दी थी । बाबु बंधु सिंह छत्रिय थे उनका अंग्र्जो के नाम से खुन खौलता था , वे गुरिल्ला लडाई मे पारंगत थे और जंगल के हर एक रास्ते से वाकिफ थे ।

Famous Temples in India

जब अंग्रेज जगल मे घुस उन्हे मारने की कोशिश करते थे तो वह उनका सर काट कर माता के कदमो मे चढ़ा दिया करते थे । अंग्रजो को समझ नही आता था क्यु उनके सैनिक जंगल से वापस नही आते थे उन्होने उनहे जंगल मे बहुत खोजा पर उनका पता नही पा सके , किसी गुप्तचर की वजह से उनका पता अंग्र्जो को चल गया ।

अंग्रेजो ने उनहे गिरफ्तार कर लिया और फासी की सजा सुना दी , कहा जाता है जब उन्हे फासी दी जा रही थी तब फासी का फंदा करिब 6 बार टुट गया और अंग्रेज हर बार विफल हो गये अंत मे बंधु सिंह ने खुद माता से कहा कि उन्हे जाने दे और अंग्रेजो ने उन्हे फासी दे दी । यहा बंधु सिंह की स्मारक भी बनी है ।

इसके बाद से ही माता के मंदिर मे भक्तो का ताता लगने लगा , और जो भी आया उसकी मनोकामना भी पुरी हुई । लोग यहा अपने बच्चो का मुंडन , वाहनो का पुजन इत्यादी भी कराते है ।

कैसे पहुंचे तरकुलहा देवी मंदिर

यह मंदिर गोरखपुर शहर से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित है। आप यहां सड़क मार्ग, या निजी वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं। मंदिर के पास भव्य घाट और सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी हैं। अगर आप गोरखपुर शहर से दुर के हैं और आप इस मंदिर का दर्शन करने आना चाहते हैं तो इसके लिए आपको गोरखपुर का ट्रेन लेना होगा, इसके बाद आप गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पहुचना होगा जो कि रेलवे स्टेशन के पास में ही स्थित है, यहा से आपको देवरिया जाने वाली बस में बैठना होगा और तरकुल्हा का टिकट लेकर आप आसानी से मंदिर तक पहुच सकते हैं।

अगर आपको माता की कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करे । और ज्यादा लोगो तक माता की गाथा को पहुचाये ।

Tarkulha Devi Temple Gorakhpur FAQs

Tarkulha Mandir Kaha Hai

तरकुलहा देवी मंदिर चौरी-चौरा, गोरखपुर के समीप है, यह गोरखपुर देवरिया रोड पर स्थित है ।

babu bandhu singh kaun the

डुमरी रियासत के बाबु बंधु सिंह tarkulha माता के भक्त थे ।

Gorakhpur to Tarkulha Devi distance कितना है?

अगर आप गोरखपुर से तरकुलहा माता मंदिर जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 24.3 km की दुरी तय करनी होगी, गोरखपुर से देवरिया जाने वाले रोड पर यह मंदिर स्थित है।

फेसबुक पर फालो करे क्लिक करे

ट्विटर पर फालो करे क्लिक् करे

Budhiya Mata Mandir Kahani Gorakhpur

Releated Posts

शबे बरात की नमाज पढ़ने का तरीका | shab e barat ki namaz in hindi

हर साल की तरह 2025 में 13 फ़रवरी को शबे बरात मनाया जाएगा। शबे बरात/शब-ए-बारात का मतलब हिंदी…

ByBySupriya RawatFeb 14, 2025

Hamraaz App Download Latest Version @hamraazmp8.gov.in APK/IOS 2025

Hamraaz App Download 2025: Hamraaz App is Specially designed & developed for Indian army professionals. Through the Hamraaz…

ByByPrabhat SinghFeb 8, 2025

KLR Login 137 – RTC, Nadakacheri, Survey Documents at Karnataka Land Records 2025

KLR Login 2025: Karnataka Citizen Online can check Karnataka Land Records. Purchasing Agricultural Land in Karnataka is hectic…

ByByPrabhat SinghFeb 8, 2025

Gorakhpur AIIMS Registration कैसे करे 2025: Gorakhpur AIIMS Patient Registration Online in Hindi

Gorakhpur AIIMS Online registration for patients | AIIMS Gorakhpur OPD Doctor list | aiims gorakhpur registration online form…

ByByPrabhat SinghJan 28, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *